इक़बाल सक्सेस क्लासेस सेंटर
Todays i gave information about not complete sleeping so what's problems for you
नींद हमारी मूल आवश्यकताओं में से एक है। रोज नींद लेना उतना ही जरूरी है जितना जरूरी रोज खाना खाना है। केवल ग्यारह दिन नहीं सोने भर से आपको असामान्य संवेदनाये या हल्युसिनेसंस हो सकते है। हर व्यक्ति के लिए नींद की जरूरत अलग अलग होती है, फिर भी ज्यादतर लोग 6 से 8 घण्टे सोने के बाद ही फ्रेश महसूस करते हैं। कुछ लोग इस से कम या इससे ज्यादा में फ्रेश महसूस करते हैं। हर किसी के सोने के घण्टे भी अलग अलग होते हैं। 40 प्रतिशत लोग जल्दी सोकर जल्दी उठने वाले, 30% लोग लेट सोकर लेट उठने वाले और बाकी 30% लोग दोनों के बीच वाले होते हैं ।
क्या होता है NREM
इसीलिए कुछ लोग रात को अच्छा, तो कुछ लोग सुबह सुबह अच्छा कर पाते हैं। इसीलिए आॉफिस में काम करने का कोई निश्चित समय नहीं होना चाहिए। बच्चों के स्कूल का समय भी, सभी बच्चों के लिए एक जैसा नहीं होना चाहिए।
हमारी नींद के 2 चरण होते हैं पहला नॉन-रैपिड-आई मूवमेंट स्लीप (NREM)नींद जिसमें हम दिन भर की सारी जानकारी को इक्कठा करते हैं और दूसरा चरण है रैपिड-आई मूवमेंट (REM)जिसमें हम इकठ्ठा जानकारी को आपस में जोड़ते हैं।
इक़बाल सक्सेस क्लासेस सेंटर
नींद पूरा करने के फायदे
हम सभी को दिन में दो बार सोना चाहिए । रात की लगभग 8 घण्टे की नींद के अलावा दिन में लगभग 2 बजे के आसपास, लगभग 30 मिनट्स की एक छोटी नींद और लेनी चाहिए।ऐसा देखा गया है कि जहां लोग दिन में एक और छोटी नींद लेते हैं वहां लोग ज्यादा लम्बा जीते हैं। पर्याप्त नींद लेने वाले लोगों की याददास्त अच्छी रहती है और वो ज्यादा क्रिएटिव होते हैं। पर्याप्त सोने वाले लोग ज्यादा सुंदर दिखते हैं, कम खाते है, मोटे नहीं होते, उनको हार्ट अटैक डीमेंसिया,जुकाम आदि बीमारियां कम होती हैं।
कम सोने से नहीं ले पाते निर्णय
अच्छा याद रखने के लिए या कुछ भी सीखने से पहले, उसके पहले और बाद जरूर सोना चाहिये। ऐसा करके आप सीखी गयी क्रिया या तथ्य को लम्बे समय तक याद रख पाएंगे। इसलिए विद्यार्थियों को दोपहर थोड़ा सोकर फिर से पढ़ाई के लिए बैठना चाहिए। कम सोने से निर्णय करने की क्षमता पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। हमारे दिमाग का एक हिस्सा जिसे प्री फ्रंटल कोर्टेक्स कहते हैं हमारी निर्णय करने की क्षमता के लिए जिम्मेदार होता है । कम सोने से दिमाग के इस हिस्से में सक्रियता कम हो जाती है। इसलिए कम सोने वाले लोग अक्सर ठीक से निर्णय नहीं ले पाते। नींद की कमीं हमारे रिश्तों पर भी बुरा असर डालती है। जो लोग कम सोते हैं वो अक्सर ज्यादा चिड़चिड़े और गुस्से वाले होते हैं, ऐसे लोग दुसरो की भावनाओं को ठीक से नहीं समझ पाते हैं। नींद नहीं आने के कुछ बुरे परिणाम ये हो सकते हैं।
नींद पूरी नहीं होने के नुकसान
रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना।
कैंसर की संभावना बढ़ जाना
अल्ज़ाइमर बीमारी की सम्भवना अधिक हो जाती है ।
डायबिटीज, डिप्रेशन, एंग्जायटी, आत्महत्या की संभावना अधिक हो जाती है ।
कम सोने से भूख अधिक लगती है और इसीलिए कम सोने वाले लोग अक्सर मोटे मिलते हैं, ऐसे लोग मिठाईयां और मिर्च वाली चीजें या फ़ास्ट फ़ूड ज्यादा खाते हैं ।
जो कम सोते हैं वो कम जीते हैं ।
कम सोने से बांझपन का खतरा भी बढ़ जाता है।
कामेच्छा की कमीं ।
कम सोने वाले लोगों की स्किन सूखी, बेजान दिखती है आंखों के नीचे काले गोले (डार्क सर्कल) दिखायी देते हैं।
अच्छी नींद के लिए करें ये काम
सोने और जागने का एक ही समय निश्चित करें, जागने का ही नहीं सोने के समय का भी अलार्म सेट करें। अगर आप सोचते हैं कि सप्ताह के दौरान हुई नींद कि कमी को सप्ताह अंत में पूरा कर लेंगें तो ये सही नहीं है।
कभी भी शाम या उसके बाद चाय काफी आदि का सेवन न करें।
नियमित व्यायाम करने से नींद और बेहतर हो जायेगी, लेकिन सोने से 3 घण्टे पहले तक व्यायाम न करें
शराब के सेवन से नींद जल्दी आ तो जायेगी, लेकिन बार बार टूटती है और अगले दिन पूरे दिन थकान और नींद जैसा महसूस होने लगता है।
सोने से पहले हल्का भोजन करें और तरल पदार्थ का सेवन कम करें। दोपहर 3 बजे के बाद छोटी नींद न लें।
सोने से ठीक पहले थोड़ा आराम करें और फिर बिस्तर में जाएं, सीधे काम खत्म करते ही बिस्तर में न जाएं।
ज्यादातर विद्यार्थी रात में पढ़ाई खत्म करते ही समय बचाने के लिए सीधे बिस्तर में चले जाते हैं और उनको नींद आने में काफी वक्त लगता है क्यों कि विचार लगातार चलते रहते हैं।
बेहतर होगा कि पढ़ाई खत्म करके 15 मिनट बाहर खुली हवा में घूमे, गहरी सांसें लें और फिर शांत महसूस करने लगे तो सो जाएं।
जब भी सोने जाएं तो सोने को दिन का सबसे सबसे महत्वपूर्ण काम समझें । जिस रात आप ठीक से सो नहीं पाते, उसके अगले वाला पूरा दिन खराब जाता है।
कभी कभी कुछ घण्टे बचाने के चक्कर में हम पूरा दिन खराब कर लेते हैं।
कभी भी सोने की कोशिश न करें, बिस्तर पर जाएं और आराम से लेट जाएं, शरीर को बिल्कुल शिथिल छोड़ दे और ये बार बार चैक ना करें कि नींद आयी कि नहीं।
अगर 20 मिनट तक भी नींद न आये तो बिस्तर से बाहर आ जाएं। और कुछ पढ़ले या कोई अन्य आनंददायक काम करें।
सोने से पहले अगर गुनगुने पानी से स्नान कर लेंगें तो नींद अच्छी आएगी। स्नान करने से शरीर का तापमान गिरता है नींद अच्छी आती है।
कमरे का तापमान कम और कमरे में अंधेरा होना चाहिए। सोने से ठीक पहले मोबाइल स्क्रीन से दूर रहें। दिन के वक़्त थोडी देर सूरज की रोशनी में रहें।
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नींद हमारी मूल आवश्यकताओं में से एक है। रोज नींद लेना उतना ही जरूरी है जितना जरूरी रोज खाना खाना है। केवल ग्यारह दिन नहीं सोने भर से आपको असामान्य संवेदनाये या हल्युसिनेसंस हो सकते है। हर व्यक्ति के लिए नींद की जरूरत अलग अलग होती है, फिर भी ज्यादतर लोग 6 से 8 घण्टे सोने के बाद ही फ्रेश महसूस करते हैं। कुछ लोग इस से कम या इससे ज्यादा में फ्रेश महसूस करते हैं। हर किसी के सोने के घण्टे भी अलग अलग होते हैं। 40 प्रतिशत लोग जल्दी सोकर जल्दी उठने वाले, 30% लोग लेट सोकर लेट उठने वाले और बाकी 30% लोग दोनों के बीच वाले होते हैं ।
क्या होता है NREM
इसीलिए कुछ लोग रात को अच्छा, तो कुछ लोग सुबह सुबह अच्छा कर पाते हैं। इसीलिए आॉफिस में काम करने का कोई निश्चित समय नहीं होना चाहिए। बच्चों के स्कूल का समय भी, सभी बच्चों के लिए एक जैसा नहीं होना चाहिए।
हमारी नींद के 2 चरण होते हैं पहला नॉन-रैपिड-आई मूवमेंट स्लीप (NREM)नींद जिसमें हम दिन भर की सारी जानकारी को इक्कठा करते हैं और दूसरा चरण है रैपिड-आई मूवमेंट (REM)जिसमें हम इकठ्ठा जानकारी को आपस में जोड़ते हैं।
इक़बाल सक्सेस क्लासेस सेंटर
नींद पूरा करने के फायदे
हम सभी को दिन में दो बार सोना चाहिए । रात की लगभग 8 घण्टे की नींद के अलावा दिन में लगभग 2 बजे के आसपास, लगभग 30 मिनट्स की एक छोटी नींद और लेनी चाहिए।ऐसा देखा गया है कि जहां लोग दिन में एक और छोटी नींद लेते हैं वहां लोग ज्यादा लम्बा जीते हैं। पर्याप्त नींद लेने वाले लोगों की याददास्त अच्छी रहती है और वो ज्यादा क्रिएटिव होते हैं। पर्याप्त सोने वाले लोग ज्यादा सुंदर दिखते हैं, कम खाते है, मोटे नहीं होते, उनको हार्ट अटैक डीमेंसिया,जुकाम आदि बीमारियां कम होती हैं।
कम सोने से नहीं ले पाते निर्णय
अच्छा याद रखने के लिए या कुछ भी सीखने से पहले, उसके पहले और बाद जरूर सोना चाहिये। ऐसा करके आप सीखी गयी क्रिया या तथ्य को लम्बे समय तक याद रख पाएंगे। इसलिए विद्यार्थियों को दोपहर थोड़ा सोकर फिर से पढ़ाई के लिए बैठना चाहिए। कम सोने से निर्णय करने की क्षमता पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। हमारे दिमाग का एक हिस्सा जिसे प्री फ्रंटल कोर्टेक्स कहते हैं हमारी निर्णय करने की क्षमता के लिए जिम्मेदार होता है । कम सोने से दिमाग के इस हिस्से में सक्रियता कम हो जाती है। इसलिए कम सोने वाले लोग अक्सर ठीक से निर्णय नहीं ले पाते। नींद की कमीं हमारे रिश्तों पर भी बुरा असर डालती है। जो लोग कम सोते हैं वो अक्सर ज्यादा चिड़चिड़े और गुस्से वाले होते हैं, ऐसे लोग दुसरो की भावनाओं को ठीक से नहीं समझ पाते हैं। नींद नहीं आने के कुछ बुरे परिणाम ये हो सकते हैं।
नींद पूरी नहीं होने के नुकसान
रोग प्रतिरोधक क्षमता का कम होना।
कैंसर की संभावना बढ़ जाना
अल्ज़ाइमर बीमारी की सम्भवना अधिक हो जाती है ।
डायबिटीज, डिप्रेशन, एंग्जायटी, आत्महत्या की संभावना अधिक हो जाती है ।
कम सोने से भूख अधिक लगती है और इसीलिए कम सोने वाले लोग अक्सर मोटे मिलते हैं, ऐसे लोग मिठाईयां और मिर्च वाली चीजें या फ़ास्ट फ़ूड ज्यादा खाते हैं ।
जो कम सोते हैं वो कम जीते हैं ।
कम सोने से बांझपन का खतरा भी बढ़ जाता है।
कामेच्छा की कमीं ।
कम सोने वाले लोगों की स्किन सूखी, बेजान दिखती है आंखों के नीचे काले गोले (डार्क सर्कल) दिखायी देते हैं।
अच्छी नींद के लिए करें ये काम
सोने और जागने का एक ही समय निश्चित करें, जागने का ही नहीं सोने के समय का भी अलार्म सेट करें। अगर आप सोचते हैं कि सप्ताह के दौरान हुई नींद कि कमी को सप्ताह अंत में पूरा कर लेंगें तो ये सही नहीं है।
कभी भी शाम या उसके बाद चाय काफी आदि का सेवन न करें।
नियमित व्यायाम करने से नींद और बेहतर हो जायेगी, लेकिन सोने से 3 घण्टे पहले तक व्यायाम न करें
शराब के सेवन से नींद जल्दी आ तो जायेगी, लेकिन बार बार टूटती है और अगले दिन पूरे दिन थकान और नींद जैसा महसूस होने लगता है।
सोने से पहले हल्का भोजन करें और तरल पदार्थ का सेवन कम करें। दोपहर 3 बजे के बाद छोटी नींद न लें।
सोने से ठीक पहले थोड़ा आराम करें और फिर बिस्तर में जाएं, सीधे काम खत्म करते ही बिस्तर में न जाएं।
ज्यादातर विद्यार्थी रात में पढ़ाई खत्म करते ही समय बचाने के लिए सीधे बिस्तर में चले जाते हैं और उनको नींद आने में काफी वक्त लगता है क्यों कि विचार लगातार चलते रहते हैं।
बेहतर होगा कि पढ़ाई खत्म करके 15 मिनट बाहर खुली हवा में घूमे, गहरी सांसें लें और फिर शांत महसूस करने लगे तो सो जाएं।
जब भी सोने जाएं तो सोने को दिन का सबसे सबसे महत्वपूर्ण काम समझें । जिस रात आप ठीक से सो नहीं पाते, उसके अगले वाला पूरा दिन खराब जाता है।
कभी कभी कुछ घण्टे बचाने के चक्कर में हम पूरा दिन खराब कर लेते हैं।
कभी भी सोने की कोशिश न करें, बिस्तर पर जाएं और आराम से लेट जाएं, शरीर को बिल्कुल शिथिल छोड़ दे और ये बार बार चैक ना करें कि नींद आयी कि नहीं।
अगर 20 मिनट तक भी नींद न आये तो बिस्तर से बाहर आ जाएं। और कुछ पढ़ले या कोई अन्य आनंददायक काम करें।
सोने से पहले अगर गुनगुने पानी से स्नान कर लेंगें तो नींद अच्छी आएगी। स्नान करने से शरीर का तापमान गिरता है नींद अच्छी आती है।
कमरे का तापमान कम और कमरे में अंधेरा होना चाहिए। सोने से ठीक पहले मोबाइल स्क्रीन से दूर रहें। दिन के वक़्त थोडी देर सूरज की रोशनी में रहें।
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